प्रस्तावना
प्राचीन काल से महिलाओं पर अन्याय और अत्याचार होते आ रहे है, जो सभी महिलाएं तबसे से लेकर आज तक सिर्फ सहती आ रही है।
क्योंकि पुराने जमाने में सभी क्षेत्रों में सिर्फ पुरुषों का ही वर्चस्व था। इसलिए किसी भी क्षेत्र में महत्वपूर्ण निर्णय लेने के सभी अधिकार भी पुरुषों के हाथों में ही थे।
उस समय एक घर में महिलाओं से जुड़े सभी निर्णय भी पुरुष ही लेते थे, जिस कारण महिलाओं को पुरुषों के हाथों वर्षों से बहुत नुकसान उठाना पड़ा है।
महिला सशक्तिकरण में क्रांति
सभी महिलाओं के लिए महिला सशक्तिकरण बहुत जरूरी है, जिसमे वो अपने निर्णय खुद ले सकती है। जिसके लिए उनको किसी भी पुरुष पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं है। प्राचीन समय में महिलाओं पर बहुत ज्यादा अत्याचार होते थे।
लेकिन जैसे जैसे समय बदलता गया, वैसे वैसे महिलाओं के सोच में बदलाव होता गया। जिस कारण उनको अपने ऊपर हो रहे अन्याय का एहसास होने लगा। जिसकी वजह से उनके मन में इस अन्याय से छुटकारा पाने की सोच जाग गई।
उसी सोच की वजह से महिला सशक्तिकरण के लिए क्रांति की शुरुआत हुई, क्योंकि जब खुदके निर्णय सबके सामने रखने का उनको कोई अधिकार नहीं था, तब महिला सशक्तिकरण पूरे समाज में बहुत तेजी से फैल गया।
अधिकारों के बारे में जागरूकता
इसी तेजी से फैलते हुए महिला सशक्तिकरण की वजह से समाज में रहने वाली पुरुषों के अन्याय से पीड़ित सभी महिलाओं को उनके अधिकारों के बारेमें जागरूकता हो गई थी, जिस कारण किसी भी काम के लिए उनको हर बार पुरुषों पर निर्भर नहीं रहना पड़ा।
बल्कि इस समाज में उनकी जगह भी पुरुषों के समान कैसी की जाए, उनपर सभी महिलाएं ध्यान देने लगी थी। जिसमे उन्होंने वो सभी अधिकार प्राप्त किए, जो पहले के समय में सिर्फ पुरुषों के हाथों में ही थे।
भारत में महिला सशक्तीकरण
दुनिया के सभी विकसित देशों में रहने वाली महिलाएं बहुत आगे निकल चुकी है। जहा वो हर उस मंजिल तक पोहोच गई है, जहा पहले सिर्फ पुरुष ही हुआ करते थे।
लेकिन कुछ विकासशील देशों में आज भी महिला सशक्तिकरण की जरूरत है, जिसमे अपना भारत देश भी है। जहा आज भी महिलाओं को पूर्ण रूप सुरक्षा नहीं मिलती है और ना ही पूर्ण रूप से सभी अधिकार।
ग्रामीण क्षेत्रों में महिला सशक्तिकरण
अपने भारत जैसे विकासशील देशों में आज भी महिला सशक्तिकरण की बहुत ज्यादा जरूरत है। क्योंकि देश के कई सारे क्षेत्रों में आज भी महिलाओं को उच्च शिक्षा हासिल करने की अनुमति नहीं है और उनको अपने मन से जीने का कोई अधिकार नहीं मिलता है।
यह सब ज्यादातर देश के ग्रामीण क्षेत्रों में बहुत ज्यादा होता है, क्योंकि शहरी क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं का काफी विकास हुआ है। जहा वो शिक्षा प्राप्त कर सकती है, अपना करिअर बना सकती है। लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी महिला सशक्तिकरण की जरूरत बहुत ज्यादा है।
महिलाओं पर अन्याय
महिलाओं को आज के आधुनिक युग में भी पुरुषों के जैसा मान-सम्मान नहीं मिलता है, क्योंकि जब किसी महिला का विवाह होता है, तो पुरुष उस महिला को अपनी संपत्ति मानता है। इसलिए वो हमेशा उस महिला का अपमान करता है और उसपर अन्याय करता है।
उसी तरह किसी भी क्षेत्र में काम करने वाली महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले बहुत कम वेतन दिया जाता है। जिसका एक ही कारण होता है की, वो एक स्त्री है। जो बहुत ही अपमानजनक बात है की, किसी को उसके लिंग के कारण कम भुगतान किया जाए।
यह सब महिलाओं पर हो रहा बहुत बड़ा अन्याय है, जिसके लिए इस समाज में आज भी महिला सशक्तिकरण की जागरूकता फैलाना बहुत जरूरी है। ताकी महिलाओं पर इस तरह से हो रहे अन्याय को पूरी तरह से नष्ट किया जा सके।
महिलाओं को सशक्त होने के उपाय
महिलाओं को सशक्त होने के कई सारे उपाय अपने यहा मौजूद है। जिसमे सबसे पहले महिलाओं को सभी प्रकार की शिक्षा प्राप्त करने के लिए अनिवार्य किया जाना चाहिए।
ताकी वो अपने मनपसंद क्षेत्र की पूरी शिक्षा प्राप्त करके उसमे अपना करिअर बना सके। महिलाओं को किसी भी क्षेत्र में पुरुषों के जैसे समान अधिकार दिए जाने चाहिए, ताकि वो भी पुरुषों की तरह एक बहुत बड़ी सफलता हासिल कर सके।
नौकरी के क्षेत्र में भी महिलाओं को पुरुषों के समान वेतन दिया जाना चाहिए। ऐसे ही कई सारे उपाय है, जिनकी वजह से महिलाएं अपना जीवन आजादी से और खुशी से जी सकती है।
आर्थिक रूप से सशक्तिकरण
आर्थिक सशक्तिकरण मतलब महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त और शक्तिशाली बनाना। अगर सभी महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त हो जाएगी, तो उनकी सरकारी कार्यक्रमों तक पहुंच बढ़ जाएगी, घर के बाहर गतिशीलता, आर्थिक स्वतंत्रता और क्रय शक्ति बढ़ जाएगी।
जिससे महिलाएं भी पुरुषों की तरह किसी बड़े कंपनियों में बड़े पद पर काम कर सकती है। उनकी तरह एक सफल व्यक्ति बन सकती है।
संपत्ति, विरासत और भूमि अधिकारों को पाने के लिए महिलाओं को अच्छी शिक्षा देकर मजबूत करना, उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए एक अच्छा तरीका है। इस तरह सभी महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त होने के बाद, वो भी पुरुषों की तरह एक स्वतंत्र ज़िंदगी जी सकती है।
निष्कर्ष
महिला सशक्तिकरण आज के समय की जरूरत है, क्योंकि इसी सशक्तिकरण की वजह से महिलाओं में हो रही प्रगति भी देश के विकास के लिए बहुत ज्यादा जरूरी है। इसलिए देश के सभी छोटे बड़े क्षेत्रों में महिला सशक्तिकरण की जागरूकता फैलाना बहुत जरूरी है।
स्मारकों पर निबंध
ताजमहल पर निबंध |
लाल किले पर निबंध |
कुतुब मीनार पर निबंध |
चारमीनार पर निबंध |
काल्पनिक विषयों पर निबंध
कहावतों पर निबंध
ज्ञान शक्ति है पर निबंध |
बच्चा आदमी का पिता होता है पर निबंध |
ईमानदारी सर्वश्रेष्ठ नीति है पर निबंध |
स्वास्थ्य ही धन है पर निबंध |
एकता में बल है पर निबंध |
प्रकृति से संबंधित विषयों पर निबंध
वर्षा ऋतु पर निबंध |
शरद ऋतु पर निबंध |
वसंत ऋतु पर निबंध |
ग्रीष्म ऋतु पर निबंध |
स्वास्थ्य से संबंधित विषयों पर निबंध
योग पर निबंध |
मोटापा पर निबंध |
डॉक्टर पर निबंध |
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध |
जंक फूड पर निबंध |
स्वस्थ जीवन शैली पर निबंध |
खुशी पर निबंध |
स्वास्थ्य पर निबंध |
एड्स/एचआईवी पर निबंध |
पर्यावरण के मुद्दों पर निबंध
नैतिक मूल्यों से संबंधित विषयों पर निबंध
अनुशासन पर निबंध |
समय के महत्व पर निबंध |
समय का सदुपयोग पर निबंध |
एकता में अटूट शक्ति है पर निबंध |
शिष्टाचार पर निबंध |
परोपकार पर निबंध |
सदाचार पर निबंध |
ईमानदारी पर निबंध |
रिश्तों पर निबंध
महान व्यक्तियों पर निबंध
विभिन्न उत्सवों पर निबंध
त्योहारों से पर निबंध
सामाजिक मुद्दों से संबंधित विषयों पर निबंध
भारत देश से संबंधित विषयों पर निबंध
विज्ञान और तकनीकी से संबंधित विषयों पर निबंध
खेलों से संबंधित विषयों पर निबंध
खेल पर निबंध |
क्रिकेट पर निबंध |
फुटबॉल पर निबंध |
सर्कस पर निबंध |
खेल के महत्व पर निबंध |
हॉकी पर निबंध |
पर्वतारोहण पर निबंध |
बैडमिंटन पर निबंध |
जानवरों से संबंधित विषयों पर निबंध
गाय पर निबंध |
बाघ पर निबंध |
मेरा पालतू कुत्ता पर निबंध |
हाथी पर निबंध |
कुत्ते पर निबंध |
मेरी पालतू बिल्ली पर निबंध |