प्रस्तावना
विधाता ने बनाए हुए इस ब्रम्हांड में पृथ्वी एक मात्र ऐसा ग्रह है, जिस पर जीवसृष्टि उपलब्ध है। जिसपर जीवन जीने लायक प्राकृतिक वातावरण उपलब्ध है। अपनी पृथ्वी एक ऐसा ग्रह है, जो पूरे मिल्की वे गैलक्सी में एकदम सटीक स्थान पर स्थित है।
जैसे की सूरज के सबसे नजदीक ग्रह बुध और शुक्र ग्रह है। जो सूरज के नजदीक होने की वजह से बहुत ज्यादा गरम और अधिक ज्वालामुखी वाले ग्रह है और बाकी सभी ग्रह जिसमे मंगल, शनि, गुरु, यूरेनस और नेप्चयूल शामिल है। ये सभी ग्रह सूरज से ज्यादा दूर रहने की वजह से बहुत ज्यादा ठंडे है।
इसीलिए इन सभी ग्रह पर भारी वातावरण के बदलाव की वजह से जीवन संभव नहीं है। लेकिन पृथ्वी एक मात्र ऐसा ग्रह है जो सूरज से ना ज्यादा दूर है और ना ज्यादा करीब इसीलिए इस ग्रह का वातावरण हमेशा संतुलित रहता है। इसीलिए इस ग्रह पर जीवसृष्टि संभव है।
पेड़ों का काटना
पेड़ हमारी ज़िंदगी का सबसे बड़ा हिस्सा है। पेड़ की वजह से ही ये सभी जंगल इस दुनिया में उपलब्ध है। इन्ही पेड़ों की वजह से हमारा जीवन संभव है।
पेड़ों की वजह से अपने पृथ्वी का प्राकृतिक वातावरण संभव है। पेड़ों की ही वजह से अपने पृथ्वी प्राकृतिक का वातावरण हमेशा संतुलित रहता है।
लेकिन आज की दुनिया में लोग इमारते, बड़े बड़े हाइवे और बड़ी कंपनियां बनाने के लिए इन्ही पेड़ों को बड़ी मात्रा में काट रहे है। इसीलिए अपने पृथ्वी का प्राकृतिक वातावरण बिघड़ते जा रहा है। इसलिए हमे इस पेड़ कटाई को रोकना होगा और पेड़ बचाओ का हिस्सा बनकर पेड़ों को बचाना होगा।
ग्लोबल वार्मिंग
इस दुनिया में पेड़ कटाई ज्यादा मात्रा में हो रही है। उसकी जगह बड़ी बड़ी केमिकल वाली कंपनियां ले रही है। जिसकी वजह से हवा प्रदूषण ज्यादा मात्रा में हो रहा है।
पेड़ हमेशा कार्बन डाइऑक्साइड अपने अंदर लेते है जिसकी वजह से वो जीते है और ऑक्सीजन बाहर छोड़ते है। जिसकी हमे और बाकी जीवों को जरूरत होती है।
लेकिन पेड़ कटाई की वजह से कार्बन डाइऑक्साइड का प्रमाण इस दुनिया में बहुत ज्यादा हो रहा है। जो पूरे पर्यावरण के लिए बहुत बड़ा खतरा है। इसलिए इस खतरे को हम सभी को मिलकर रोखना होगा।
प्रदूषण
पृथ्वी के इस सुंदर वातावरण को खराब करने वाले हम इंसान ही है। जो इस पृथ्वी पर किसी ना किसी प्रकार से प्रदूषण फैला रहे है। जिसका खामियाजा पूरी पृथ्वी को भुगतना पड रहा है।
इस प्रदूषण में तीन प्रकार आते है। जिसमें हवा से होने वाला प्रदूषण जिसको हम लोग हवा प्रदूषण कहते है। जो जल से होने वाला प्रदूषण होता है उन्हे हम जल प्रदूषण कहते है और जिस प्रदूषण को हम लोग कूड़े कचरे के जरिये पूरी दुनिया में फ़ैला रहे है, उस प्रदूषण को हम भूमि प्रदूषण कहते है।
हम सभी को एक साथ मिलकर इन तीनों प्रकार में होने वाले प्रदूषण को पूरी तरह से रोखना होगा। इस धरती को होने वाले प्रदूषण से हमेशा के लिए मुक्त करना होगा। नहीं तो अपने आने वाली पीढ़ी को बहुत बड़ा खतरा बन सकता है।
प्लास्टिक का कचरा
प्लास्टिक का कचरा वो कचरा होता है जिसे फैल रहे प्रदूषण के बहुत बड़े हिस्से मे से एक माना जाता है। प्लास्टिक का कचरा ऐसा कचरा होता है जिसे कभी भी नष्ट नहीं किया जा सकता।
हम लोग प्लास्टिक को छोड़कर पेड़ के सूखे पत्तो को, कागज को, लकड़ी को जला कर नष्ट किया जा सकता है। लोहे को पिघला सकते है। पत्थर को तोड़कर उसकी मिट्टी बनाई जा सकती है। लेकिन प्लास्टिक के कचरे को जला कर भी नष्ट नहीं किया जा सकता। इसीलिए हमे प्लास्टिक पर बंदी डालनी होगी। प्लास्टिक का उपयोग बंद करना होगा।
प्लास्टिक जलाने से भारी मात्रा में हवा प्रदूषण होता है। जो पृथ्वी के वातावरण को असंतुलित कर देता है। जिसकी वजह से वातावरण में नई नई बीमारीया जन्म लेती है। जो हम सभी को नुकसान पोहोचा देती है।
पृथ्वी दिन
इस दुनिया के सभी देशों में बहुत सारे त्योहार होते है। जिसे लोग बड़े ही धूम धाम से मनाते है। उस त्योहार का आनंद लेते है। उसे जी भर के जीते है।
तो एक दिन हम सभी को बाकी त्योहारों को मनाना चाहिए। लेकिन उस दिन बाकी त्योहारों की तरह कोई नाच गाना नहीं बल्कि उस दिन जागरूकता फैलानी होती है।
वो दिन है पृथ्वी दिवस। जो हर साल अप्रैल महीने के 22 तारिक को मनाया जाता है। इस दिन सभी लोगों में पर्यावरण के विषय को लेकर जागरूकता फैलाई जाती है।
निष्कर्ष
हम सभी लोगों को मिलकर फैल रहे सभी प्रकार के प्रदूषण को रोखना होगा। उसको रोखने के नए नए उपाय बनाने होंगे। ये एक दिन का काम नहीं है, बल्कि इसे कई सालों लग सकते है। लेकिन सुरुवात तो करनी होगी। तभी तो हम इस प्रदूषण को रोख पाएंगे। अगर ये प्रदूषण रुख गया तो ग्लोबल वार्मिंग अपने आप खत्म हो सकता है। अगर ग्लोबल वार्मिंग एक बार रुक जाती है तो अपनी पृथ्वी का वातावरण अपने आप संतुलित हो जाएगा और अपनी पृथ्वी इस प्रदूषण से हमेशा के लिए बच जाएगी।
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