प्रस्तावना
एक गांव का जीवन हमेशा ग्रामीण जीवन शैली को दर्शाता है और शहर का जीवन हमेशा शहरी जीवन शैली को दर्शाता है। ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में जीवन के अपने अलग बिंदु और समस्याएं हैं।
इसलिए ये दोनों क्षेत्र एक दूसरे से काफी अलग है। वैसे देखा जाये तो परंपरागत रूप से भारत एक मुख्य रूप से ग्रामीण देश है क्योंकि महात्मा गांधी ने एक बार कहा था की, “असली भारत गांवों में रहता है”।
क्योंकि भारत देश का ज्यादातर क्षेत्र गावों से भरा हुआ है, लेकिन आज के समय में अपने भारत देश में कई सारे छोटे-बड़े शहर मौजूद हैं। इन छोटे-बड़े शहरों में जीवन एक गांव के जीवन से काफी अलग होता है।
शिक्षा की सुविधा
अपने भारत देश के गावों और शहरों के शिक्षा की सुविधाएँ कम ज्यादा होती है। बड़े शहरों में शिक्षा की अच्छी सुविधाएँ होती हैं। मतलब वहा बड़े कॉलेज और विश्वविद्यालय भी उपलब्ध होते हैं।
बड़े शहर में सरकारी और निजी दोनों तरह के स्कूल भी हैं। लेकिन ऐसी शिक्षा की सुविधाएँ छोटे शहरों और गांवों में मौजूद नहीं होती है।
स्वास्थ्य की सुविधा
एक बड़े शहर में पर्याप्त चिकित्सा सुविधाएं होती है। इसी के साथ अपने देश के हर शहर में अच्छे अस्पताल हैं, जिनमें गरीबों को मुफ्त दवाएँ और इलाज मिलता है।
जहा बीमारों और दुखियों की सेवा के लिए कई योग्य डॉक्टर भी होते हैं। लेकिन गावों में स्वास्थ्य को लेकर इतनी सारी सुविधाएँ नहीं होती है। यह अपने देश के सभी गावों की सबसे बड़ी कमी है।
मनोरंजन की सुविधाएँ
देश के किसी भी शहर में मनोरंजन की सभी सुविधाएँ उपलब्ध रहती है। जिसमे कई सारे सिनेमा घर होते है, मल्टीप्लेक्स होते है, जहां हम अपने परिवार के साथ आनंद ले सकते हैं।
कई सारे बड़े बड़े होटल होते है, जहा हम अच्छा सा और मेहेंगा खाना खा सकते है। कई सारे उद्यान होते है जहां हम सबसे अच्छी प्राकृतिक सुंदरता का आनंद ले सकते हैं। लेकिन गांवों में इन सभी सुविधाओं का भी अभाव होता है।
रोजगार का अवसर
देश के सभी लोगों के लिए शहरों का लाभ सबसे ज्यादा रोजगार के अवसर के लिए होता है। क्योंकि यहाँ कई सारी बहुराष्ट्रीय कंपनियां मौजूद होती है। जिसमे काम करने के लिए लोगों की जरुरत होती है।
इसलिए वहा बहुत ज्यादा मात्रा में लोगों को रोजगार दिया जाता है। इस तरह एक शहर में लोगों को पैसे कमाने के लिए कई सारे रोजगार के अवसर मिलते है।
लेकिन गाँवों में ज्यादातर खेती का काम होता है। इस कारण गांवों में बड़ी आबादी के लिए केवल मौसमी रोजगार उपलब्ध होते हैं।
शहरों और गावों की संस्कृति
देश के किसी भी शहर में अलग-अलग धर्म के लोग एकसाथ रहते है। इसलिए एक शहर में हमें विभिन्न संस्कृतियां देखने को मिलती है। लेकिन अपने भारत देश की सारी पुरानी परंपराएँ और रीति-रिवाज़ गाँवों में अत्यधिक दिखाई देते हैं। इसलिए अपना भारत देश मिश्रित संस्कृति वाला देश है।
निष्कर्ष
शहर और गाँव दोनों के जीवन की अपनी खूबियाँ हैं। शहरी जीवन उत्साह, नौकरी के अवसर और आधुनिक सुविधाएं प्रदान करता है, लेकिन यह व्यस्त और अलग-थलग हो सकता है। दूसरी ओर, गाँव का जीवन शांत, घनिष्ठ और शांतिपूर्ण है, फिर भी इसमें उन्नत सुविधाओं का अभाव है। चुनाव व्यक्तिगत प्राथमिकताओं पर निर्भर करता है।
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