प्रस्तावना
हमारी पृथ्वी एक ऐसी जगह है, जो पुरे सौरमंडल में सबसे अलग और सुंदर है। यहाँ पर हमें पर्यावरणीय सुंदरता, अलग अलग तरह के जिव और बहुत सारे संसाधन भी देखने को मिलते है।
आज इस धरती पर हम इंसान बहुत तेजी से विकास कर रहे है; लेकिन हमारे इसी विकास के कारण दुनिया में प्रदुषण भी उतना ही फ़ैल रहा है। इसी प्रदुषण की वजह से हम पर्यावरण को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचा रहे है।
हमें यह बात समझनी चाहिए की, हम इंसान दुनिया का विकास तो कर रहे है; लेकिन उसके साथ-साथ हमें पर्यावरण का भी खयाल रखना चाहिए। क्योंकि स्वस्थ और स्वच्छ पर्यावरण पृथ्वी पर पनप रहे पुरे जीवसृष्टि के जीवन के लिए महत्वपूर्ण है।
पर्यावरण और विकास का संतुलन
एक स्वच्छ और स्वस्थ पर्यावरण इस धरती का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होने के साथ-साथ पुरे जीवसृष्टि के लिए यह एक निवास स्थान भी है। क्योंकि पर्यावरण हमारे चारों ओर मौजूद है। इसी पर्यावरण में सभी जिव जंतु, पशु पक्षी, पेड़ पौधे और हम इंसान सांस लेते है, क्योंकि पर्यावरण से ही हमें ऑक्सीजन मिलता है।
हम इंसान इसी पर्यावरण की माध्यम से अपने घर बनाते है। लेकिन इसी के साथ-साथ हमारा बेहतर भविष्य, आर्थिक वृद्धि और समाज के प्रगति के लिए दुनिया का विकास करना भी जरुरी है। इसी विकास के लिए हम इंसान औद्योगीकरण और शहरीकरण पर ज्यादा लक्ष्य केंद्रित करते है; जिसके लिए हम लोग बहुत ज्यादा मात्रा में प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करते है।
जिसकी वजह से पूरी दुनिया में प्रदुषण और जलवायु परिवर्तन जैसी कई सारी समस्याएं निर्माण होती है; जिस कारण पर्यावरण और विकास का संतुलन बिघड जाता है। इसलिए हमें प्राकृतिक संसाधनों का कम से कम उपयोग करना चाहिए; ताकि पर्यावरण स्वच्छ और स्वस्थ बना रहे।
मानवीय गतिविधियों का प्रभाव
हम इंसान इस दुनिया का तेजी से विकास तो कर रहे है; लेकिन इसी तेजी से विकास के लिए हम लोग जितनी भी गतिविधियां करते है, उन सभी गतिविधियों से हम पर्यावरण को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचा रहे है। जैसे की प्राकृतिक संसाधनों और जीवाश्म ईंधनों का बहुत ज्यादा मात्रा में उपयोग करना।
जिसमे प्राकृतिक संसाधनों का ज्यादा उपयोग करने से जलवायु परिवर्तन और जैव विविधता जैसी समस्याएं निर्माण होती है और जीवाश्म ईंधनों के बहुत ज्यादा मात्रा में उपयोग से ग्लोबल वार्मिंग जैसी गंभीर समस्या निर्माण होती है; क्योंकि जीवाश्म ईंधन के ज्यादा उपयोग से धरती के वायुमंडल में ग्रीनहाउस गैसे बहुत ज्यादा बढ़ जाती है।
इन्ही बढ़ती ग्रीनहाउस गैसों के कारण पृथ्वी के तापमान में वृद्धि होती है। जिस कारण समुद्र का स्तर दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है, मौसम में बार-बार बदलाव आ रहा है और इसी बार-बार बदलते मौसम के कारण कई सारे पशु-पक्षियों की प्रजातियां आज विलुप्त होने के कगार पर है। इसलिए हमें इस धरती को एक सुरक्षित और पुरे जीवसृष्टि को रहने लायक एक अच्छी जगह बनानी है, तो आज इस दुनिया पर चल रहे उन मानवीय गतिविधियों को कम करना होगा; जिससे पर्यावरण को नुकसान हो रहा है।
पर्यावरण स्वच्छ रखने के कुछ उपाय
हमारे बेहतर कल के लिए दुनिया का विकास तो जरुरी है; लेकिन कई सारे ऐसे तरीके है, जिनकी माध्यम से हम पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना दुनिया का विकास कर सकते है।
जैसे की हम अपनी जीवाश्म ईंधन पर से निर्भरता कम करने के लिए सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा और जलविद्युत ऊर्जा का उपयोग कर सकते है। इसके अलावा हम कचरा प्रबंधन और पुनर्चक्रण की माध्यम से बढ़ते प्रदुषण को कम कर सकते है। ऐसे ही और भी कई सारे उपाय है, जिनकी माध्यम से हम पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना दुनिया का विकास कर सकते है।
निष्कर्ष
पर्यावरण और विकास यह दोनों हमारे लिए महत्वपूर्ण है; लेकिन हमें हमेशा पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना अपना विकास करने का प्रयास करना चाहिए, जिससे हमारे आने वाली पीढ़ी के भविष्य के लिए और बाकी जीवसृष्टि के लिए पृथ्वी एक स्वच्छ और स्वस्थ ग्रह बना रहे।
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